Essence of me
Monday, November 7, 2011
रौनक तो तब भी थी जब साथ बैठे चाय की प्याली से चुस्कियां लिया करते थे...
धुआं, धुंध सा जान पड़ता था...और हकीकत ख्वाब सी लगती थी
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