Essence of me
Wednesday, October 14, 2009
एक बारिश का इंतजार है, एक तूफ़ान की राह देख रही हूँ,
खिड़की के बाहर हाथ फैलाए,
मांग रही हूँ,
वो गए साल की भीनी खुशबु, वो बीती हुई गीली सी बूंदें.
गया हुआ कभी लौटता नहीं, मैंने सुना है...
पर तुम्हे आना होगा, मेरे सूखे मन को हरा करने.
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